Namakaran Application

प्रिय साधक,

"नामकरण संस्कार" एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्कार है, इसके महत्व को समझते हुए, इसे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए ।

नामकरण के लिए पंजीकरण करते समय कृपया निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  1. वर्तमान में गुरुदेव द्वारा 4 श्रेणियों में नामकरण किया जा रहा है: (1) नवविवाहित वधू (2) व्यवसाय (3) घर/ आवास (4) नवजात शिशु
  2. नामकरण के लिए पंजीकरण करते समय आवेदन के प्रत्येक विवरण को भरना आवश्यक है, इसलिए साधकों से अनुरोध किया जाता है कि वे विवरण को सावधानीपूर्वक और सही से भरें।
  3. आवेदन के अंत में चॉइस का ऑप्शन दिया गया है,यदि आप परम पूज्य स्वामी जी द्वारा नाम चाहते हैं तो चॉइस ऑप्शन में “NO” को सेलेक्ट करें ।
    • लेकिन अगर आपके पास नाम के लिए चार विकल्प हैं और आप स्वामीजी द्वारा उन नामों में से किसी एक का चयन चाहते हैं, तो ऑप्शन में “YES” को सेलेक्ट करें और चार नामों को अनिवार्य रूप से भरें ।
  4. व्यवसाय नामकरण हेतु आवेदन करते समय कृपया अपने व्यवसाय का विवरण कम से कम शब्दों में स्पष्टता के साथ लिखें और अपने व्यवसाय का पता भी पूरा भरें ।
  5. घर नामकरण हेतु आवेदन करते समय कृपया ध्यान रखें कि खाली जमीन, कृषि जमीन आदि का नामकरण इस श्रेणी में ना करें सिर्फ आपके आवास के नामकरण के लिए ही आवेदन करें ।

 नामकरण हेतु नियम

  1. केवल 6 महीने की उम्र तक के शिशु का ही, नवजात शिशु नामकरण की श्रेणी में आवेदन किया जा सकता है ।
  2. नवविवाहित वधू के नामकरण के लिए आवेदन विवाह की तारीख से 6 महीने की अवधि तक ही किया जा सकता है ।
  3. नामकरण की प्रक्रिया पूरी तरह परम पूज्य स्वामी जी की उपलब्धता पर निर्भर है, इसलिए एक बार जब आप नामकरण के लिए आवेदन कर दें, तो कृपया परम पूज्य स्वामीजी द्वारा नाम की प्रतीक्षा करें, बार-बार आवेदन न करें । एक ही नामकरण हेतु, 3 से अधिक आवेदन करने पर, सभी आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे एवं भविष्य में उससे संबंधित किसी भी प्रकार का आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा ।
  4. उपलब्ध श्रेणियों में नामकरण परम पूज्य स्वामी जी द्वारा जीवन में केवल एक बार किया जाता है, इसलिए साधकों को बहुत सावधानीपूर्वक और सोच समझकर आवेदन करना आवश्यक है क्योंकि एक बार नाम दिए जाने के बाद, यदि वे उसी नामकरण के लिए पुन: आवेदन करते हैं तो इसे तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा और उसी नामकरण हेतु बार-बार पुनः आवेदन करने पर, उस साधक द्वारा किसी भी श्रेणी में नामकरण के आवेदन को भविष्य में स्वीकार नहीं किया जाएंगा ।
  5. परम पूज्य स्वामी जी द्वारा एक बार नामकरण हो जाने के पश्चात उसे किसी भी परिस्थिति में बदला नहीं जाएगा, अतः आवेदन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप नाम स्वामी जी द्वारा चाहते हैं या आप आपके दिए गए नाम के विकल्पों में से स्वामी जी द्वारा चयन चाहते हैं ।
  6. परम पूज्य स्वामीजी नामकरण- रंग, रूप, आकार, जन्म राशि या जन्म कुंडली देखकर नहीं करते हैं | गुरुदेव नामकरण का अनुष्ठान करते समय आवेदक का आभा मंडल और आवेदक की आत्मा को देखते हैं, इसलिए नामकरण के लिए ध्यानपूर्वक आवेदन करें क्योंकि यदि गुरुदेव द्वारा दिया गया नाम साधक और उसके परिवार को पसंद नहीं है, तो इसे नहीं बदला जाएगा और उसी नामकरण के पुन: आवेदन पर अस्वीकार कर दिया जाएगा । यदि साधक कुंडली के अनुसार नाम पाना चाहता है तो आवेदन में 4 नामों का विकल्प देने की सुविधा है, जिसमें से एक नाम परम पूज्य स्वामी जी द्वारा चुना जाता है, 4 नामों का विकल्प देते समय, यह भी ध्यान रखें कि आवेदन में पूरे नाम दिए जाने चाहिए, केवल अक्षरों का विकल्प न दें ।
  7. नामकरण के लिए आवेदन करते समय अगर किसी कारणवश गलत जानकारी दी गई है तो कृपया ध्यान दीजिए की आपके द्वारा की गई कोई भी विवरण सिर्फ़ कैन्सल हो सकती हैं, आपके विवरण को एडिट नहीं किया जा सकता । इस हेतु साधक को लाइव चैट पर आकर नामकरण आवेदन का रेफरेंस नंबर देना होगा ताकि वह आवेदन डिलीट हो सके । यह आवेदन करने के 3 दिनों के भीतर किया जा सकता है ।

लाइव चैट लिंक : Live Chat

Apply Now